Tuesday, 29 December 2015
श्रीराम की सहायता के लिए शिव ने लिया हनुमान अवतार
शिवपुराण के अनुसार, त्रेतायुग में भगवान श्रीराम की सहायता करने और दुष्टों का नाश करने के लिए भगवान शिव ने वानर जाति में हनुमान के रूप में अवतार लिया था। हनुमान को भगवान शिव का श्रेष्ठ अवतार कहा जाता है। जब भी श्रीराम-लक्ष्मण पर कोई संकट आया, हनुमानजी ने उसे अपनी बुद्धि व पराक्रम से दूर कर दिया। वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड में स्वयं भगवान श्रीराम ने अगस्त्य मुनि से कहा है कि हनुमान के पराक्रम से ही उन्होंने रावण पर विजय प्राप्त की है। हनुमान अष्टमी (2 जनवरी, शनिवार) के अवसर पर हम आपको हनुमानजी द्वारा किए गए कुछ ऐसे ही कामों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें करना किसी और के वश में नहीं था-
अनेक राक्षसों का वध
युद्ध में हनुमानजी ने अनेक पराक्रमी राक्षसों का वध किया, इनमें धूम्राक्ष, अकंपन, देवांतक, त्रिशिरा, निकुंभ आदि प्रमुख थे। हनुमानजी और रावण में भी भयंकर युद्ध हुआ था। रामायण के अनुसार हनुमानजी का थप्पड़ खाकर रावण उसी तरह कांप उठा था, जैसे भूकंप आने पर पर्वत हिलने लगते हैं। हनुमानजी के इस पराक्रम को देखकर वहां उपस्थित सभी वानरों में हर्ष छा गया था।
हनुमानजी ने ऐसे और कौन से काम किए, जिन्हें करना किसी अन्य के लिए संभव नहीं था, ये जानने के लिए अगली स्लाइड्स पर क्लिक करें-
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