Saturday, 26 December 2015

नरेंद्र मोदीजी की महत्वाकांक्षी योजना PMEGP

कीवर्ड्स: #रोजगार #मोदी #बैंक #पीएम #प्रॉजेक्ट नई दिल्ली देश में रोजगार पैदा करने की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी स्कीम इसलिए अटकती नजर आ रही है क्योंकि सरकारी बैंक इस प्रॉजेक्ट के लिए पर्याप्त फंडिंग नहीं कर रहे हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) जो कि एक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी प्रोग्राम है, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय द्वारा करीब सात साल पहले लॉन्च किया गया था। इस प्रोग्राम का मकसद देश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में रोजगार सृजित करना था, लेकिन यह अपने निर्धारित लक्ष्य को हासिल नहीं कर सका है। वित्त मंत्रालय को लिखे एक नोट में एमएसएमई मिनिस्ट्री ने कहा है, 'योजना इसलिए अटक रही है क्योंकि बैंकों द्वारा जारी मार्जिन मनी की मंजूरी और उसके वितरण की रफ्तार बेहद धीमी है।' इसके अलावा यह भी कहा गया है कि बैंक लाभार्थियों से लोन की मंजूरी के लिए उनसे क्रेडिट गैरंटी की मांग भी रखते हैं। हालांकि कोई भी लाभार्थी इस दावे को लिखित में देने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि उन्हें डर है कि बैंक उनका लोन रद्द कर देंगे। इस योजना के तहत मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में अधिकतम 25 लाख रुपये जबकि सर्विस सेक्टर में 10 लाख रुपयों तक के लोन का प्रावधान है, जबकि 5 लाख रुपयों तक के ऋण के लिए किसी तरह की गैरंटी नहीं देनी पड़ती है। मिनिस्ट्री ने कहा है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहली दो तिमाही में बैंकों द्वारा ऋण की मंजूरी की रफ्तार बेहद धीमी रही जिसके चलते सरकार द्वारा जारी की जाने वाली रकम में भी कमी आई और नतीजतन सरकार के पास खर्च न हो पाने वाली रकम इकट्ठा होती चली गई। साल 2014-15 की पहली तिमाही में मार्जिन मनी के तौर पर 29.44 करोड़ रुपये जारी किए गए, जो कि पूरे वित्तीय वर्ष के लिए जारी 1122 करोड़ रुपयों का महज 2.60 पर्सेंट ही है। वहीं साल 2013-14 में कुल जारी मार्जिन मनी 1075 करोड़ रुपये थी। वित्त मंत्रालय को भेजे गए नोट में मंत्रालय ने कहा है कि कई आवेदकों ने यह शिकायत की है कि बैंकों ने या तो उनके आवेदन पर कोई ध्यान नहीं दिया या फिर मार्जिन मनी के वितरण में काफी लंबा वक्त लगाया। ऐसे बैंकों में बैंक ऑफ त्रावणकोर पहले नंबर है जिसने औसतन 142 दिन का समय लिया। बताया गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के कुल 26 बैंकों में से 19 बैंक निर्धारित टारगेट को पूरा नहीं कर सके। मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट। Whatsapp Facebook Google PlusTwitter Email SMS

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