Tuesday, 29 December 2015
सूर्यदेव से विद्या पाने के लिए किया हनुमान ने विवाह
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यहां पत्नी के साथ है हनुमानजी की प्रतिमा, जानिए क्या है कहानी
जीवन मंत्र डेस्क | Dec 29,2015 9:05 AM IST
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कैसे हुआ भगवान हनुमान का विवाह
भगवान हनुमान और सुवर्चना की विवाह की मान्यता का आधार प्राचीन ग्रंथ पाराशर संहिता को माना जाता है। पाराशर संहिता में दिए गए वर्णन के अनुसार, भगवान सूर्य के पास 9 दिव्य विद्याएं थीं। जिनका ज्ञान भगवान हनुमान पाना चाहते थे। दिव्य विद्याएं पाने के लिए भगवान हनुमान ने भगवान सूर्य को अपना गुरु बनाया था। भगवान सूर्य देव ने इन 9 में से 5 विद्याओं का ज्ञान तो भगवान हनुमान को दे दिया, लेकिन बाची हुई 4 विद्याएं एक कारण की वजह से वे भगवान हनुमान को नहीं दे सकते थे।
बची हुई 4 दिव्य विद्याओं का ज्ञान सिर्फ उन्हीं शिष्यों को दिया जा सकता था जो विवाहित हों, लेकिन भगवान हनुमान तो ब्रह्मचारी थे। इसी वजह से भगवान सूर्य चाह कर भी उन चार विद्याओं का ज्ञान भगवान हनुमान को नहीं दे सकते थे। हनुमान सभी विद्याओं का ज्ञान पाने का प्रण ले चुके थे, वे किसी भी तरह सारी विद्याएं भी पाना चाहते थे। इस परेशानी से बारह निकलने के लिए भगवान सूर्य ने हनुमानजी को विवाह करने की बात कही। भगवान हनुमान अपने ब्रह्मचर्य नहीं खोना चाहते थे, इसलिए उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया, लेकिन भगवान सूर्य के समझाने पर बची हुई चार विद्याओं का ज्ञान पाने के लिए हनुमानजी ने विवाह के लिए हां कर दी।
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