Thursday, 24 December 2015

श्री दत्त जयंती उत्सव

मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। इस बार यह पर्व 25 दिसंबर, शुक्रवार को है। दत्तात्रेय भगवान विष्णु के ही अवतार माने जाते हैं। इनका जन्म मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को प्रदोषकाल में हुआ था। ऐसी मान्यता है कि भक्त के स्मरण करते ही भगवान दत्तात्रेय उसकी हर समस्या का निदान कर देते हैं, इसलिए इन्हें स्मृतिगामी व स्मृतिमात्रानुगन्ता कहा जाता है। श्रीमद्भागवत आदि ग्रंथों के अनुसार इन्होंने चौबीस गुरुओं से शिक्षा प्राप्त की थी। भगवान दत्त के नाम पर दत्त संप्रदाय का उदय हुआ। गिरनार क्षेत्र श्रीदत्तात्रेय भगवान की सिद्धपीठ है। इनकी गुरुचरण पादुकाएं वाराणसी तथा आबू पर्वत आदि कई स्थानों पर हैं। दक्षिण भारत में इनके अनेक प्रसिद्ध मंदिर भी हैं। मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को भगवान दत्तात्रेय के निमित्त व्रत करने एवं उनके मंदिर में जाकर दर्शन-पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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