Tuesday, 28 March 2017
सांसो का क्या भरोसा
साँसों का क्या भरोसा
रुक जाए चलते चलते -2
जीवन की है जो ज्योति
बुझ जाए जलते जलते
साँसों का क्या भरोसा
रुक जाए चलते चलते -2
जीवन है चार दिन का
दो दिन की है जवानी
जब आये जब आये
जब आये बुढ़ापा
थक जाए चलते चलते
साँसों का क्या भरोसा
रुक जाए चलते चलते …2
साँसों का क्या भरोसा
रुक जाए चलते चलते …2
समझाना तू इशारा
समझाना तू इशारा
समझाना खेल इश्क
क्यों तेरी बात बिगड़ी
हर बार बनते बनते
साँसों का क्या भरोसा
रुक जाए चलते चलते …2
तेरे साथ जाए रजनी
तेरे कर्मो की कमाई
गए जग से बादशाह भी
साँसों का क्या भरोसा
रुक जाए चलते चलते …2
साँसों का क्या भरोसा
रुक जाए चलते चलते …2
अब तक किया न सोनू
अब तो हरी सुमिर ले
कह रही है जिंदगी की
ये शाम ढलते ढलते
साँसों का क्या भरोसा
रुक जाए चलते चलते …2
रुक जाए चलते चलते …2
रुक जाए चलते चलते …
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