Saturday, 11 March 2017

हे दुःख भंजन मारुती नंदन सूनलो मेरी पुकार

हे दुखभजंन मारुतीनन्दन सुन लो मेरी पुकार
पवन सुत बिनती बारम्बार
पवन सुत बिनती बारम्बार
हे दुखभजंन मारुतीनन्दन सुन लो मेरी पुकार
पवन सुत बिनती बारम्बार
पवन सुत बिनती बारम्बार
पवन सुत बिनती बारम्बार
अष्ट सिद्धी नव रिद्धी के दाता
दुखीयो के तुम भाग्या विधाता
सिया राम के काज सवांरे
मेरा कर उद्धार पवन सुत बिनती बारम्बार पवन सुत बिनती बारम्बार
हे दुखभजंन मारुतीनन्दन सुन लो मेरी पुकार
पवन सुत बिनती बारम्बार
पवन सुत बिनती बारम्बार
अपरम्पार है शक्ति तुमहारी
तुम पर रीझे अवध बिहारी
तुम पर रीझे जनक दुलारी
भक्ती भाव से ध्याऊ तोहे
करो दुख से पार पवन सुत बिनती बारम्बार पवन सुत बिनती बारम्बार
हे दुखभजंन मारुतीनन्दन सुन लो मेरी पुकार पवन सुत बिनती बारम्बार
पवन सुत बिनती बारम्बार
पवन सुत बिनती बारम्बार
जपु निरन्तर नाम तिहारा अब नही छोङु तेरा द्वारा
राम भक्त मोहे शरण में लिजिऐ
मात भक्त मोहे शरण मे लिजिऐ
भवसागर से तार पवन सुत बिनती बारम्बार
पवन सुत बिनती बारम्बार
हे दुखभजंन मारुतीनन्दन सुन लो मेरी पुकार पवन सुत बिनती बारम्बार
पवन सुत बिनती बारम्बार
पवन सुत बिनती बारम्बार
कहे हनुमन्त विपति प्रभु सोई
जब तव सुमरिन भजन ना होई
जब तव सुमरिन भजन ना होई
जब तव सुमरिन भजन ना होई

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