Tuesday, 28 March 2017
श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेवा ..२
एक मात स्वामी सखा हमारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा ..२
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेवा ..२
बंदी गृह के तुम अवतारी
कही जन्मे कही पीला मुरारी
किसी के जाये किसी के कहाये
है अद्भुद हर बात तिहारी
गोकुल में चमके मथुरा के तारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा ..२
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेव। ..२
अधर पे बंशी ह्रदय में राधे
बट गए दोनों में आधे आधे
हे राधा नागर हे भक्त वत्सल
सदैव भक्तों के काम साधे
वही गए वही गए वही गए
जहा गए पुकारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा। ..२
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेवा। ..२
गीता में उपदेश सुनाया
धर्म युद्ध को धर्म बताया
कर्म तू कर मत रख फल की इच्छा
यह सन्देश तुम्ही से पाया
अमर है गीता के बोल सारे2
हे नाथ नारायण वासुदेवा ..२
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेवा ..२
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधू सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देव देवा
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेवा..२
राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे राधे कृष्णा कृष्णा
राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे राधे कृष्णा कृष्णा।।4
हरी बोल हरी बोल। …4
राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे राधे कृष्णा कृष्णा
राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे राधे कृष्णा कृष्णा।।4

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