Sunday, 12 March 2017

मेरा जीवन कुछ काम ना आया l

मेरा जीवन कुछ काम ना आया जैसे सूखे पेड़ की छाया , जैसे सूखे पेड़ की छाया ....!! हो ....अपनों के होते हुए तन में बसी तन्हाई, हो ....आंसू बना के खुशी आँखों से मैंने बरसाई हो खुशिओं को रोते रोते ....दुनिया में अब तो मेरा जी घबराया मेरा जीवन कुछ काम ना आया जैसे सूखे पेड़ की छाया , जैसे सूखे पेड़ की छाया ....!! हो .... बरस गए रे सावन दरिया भी जोश में आये, हो ....फूल भी खिलने लगे, कलियों के मन मुस्काये हो ...सूनी रही इक डाली , उस पे तो अब तक कोई फूल ना आया मेरा जीवन कुछ काम ना आया जैसे सूखे पेड़ की छाया , जैसे सूखे पेड़ की छाया ....!! हो... जीने को जी ना चाहे , हो ....मांगू तो मौत ना आये हो... साँसों के चलने को तो जीवन कहा ना जाए हो...दर्द बसा के दिल में मेरा नसीब मुझको कहाँ पे लाया मेरा जीवन कुछ काम ना आया जैसे सूखे पेड़ की छाया , जैसे सूखे पेड़ की छाया ....!!

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