Tuesday, 28 March 2017
हनुमान भजन हनुमान के चरणों मे फुल चढा ना है
ना स्वर हैं,ना सरगम हैं,ना लय न तराना है…..2
हनुमान के चरणो में एक फूल चढ़ाना है….4
ना स्वर हैं,ना सरगम हैं,ना लय न तराना है….3
तुम बाल समय में प्रभु, सूरज को निगल डाले…4
अभिमानी सुरपति के, सब दर्प मसल डाले…2
बजरंग हुए तब से, संसार ने जाना है…2
ना स्वर हैं,ना सरगम हैं,ना लय न तराना है…3
हनुमान के चरणो में एक फूल चढ़ाना है…2
ना स्वर हैं,ना सरगम हैं,ना लय न तराना है
ना स्वर हैं,ना सरगम हैं,ना लय न तराना है
जब राम नाम तुमने, पाया ना नगीने में…..4
तुम चीर दिए सीना,सिया राम थे सीने में…2
विस्मित जग ने देखा ,कपि राम दीवाना हैं…2
ना स्वर हैं,ना सरगम हैं,ना लय न तराना है…3
हनुमान के चरणो में एक फूल चढ़ाना है…2
ना स्वर हैं,ना सरगम हैं,ना लय न तराना है
ना स्वर हैं,ना सरगम हैं,ना लय न तराना है
हे अजर अमर स्वामी, तुम हो अन्तर्यामी…4
हूँ दीन हीन चंचल, अभिमानी अज्ञानी….2
यदि तुमने नज़र फेरी, फिर कहाँ ठिकाना है…2
ना स्वर हैं,ना सरगम हैं,ना लय न तराना है….4
हनुमान के चरणो में एक फूल चढ़ाना है…5

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