Tuesday, 28 March 2017
रामकृपा अवतरण
परम कृपा स्वरूप है , परम प्रभु श्री राम
जन पवन परमात्मा , परम पुरुष सुख धाम (1)
सुखदा है शुभा कृपा , शक्ति शांति स्वरूप
है ज्ञान आनंदमयी, राम कृपा अनूप (2)
परम पुण्य प्रतीक है , परम ईश का नाम
तारक मंत्र शक्ति घर , बिज -अक्षर है राम (3)
साधक साधन सधिये , समझ सकल शुभ सार
वाचक वाच्य एक है , निश्चित धार विचार (4)
मंत्रमय ही मानिये , इष्ट देव भगवान
देवालय है राम का , राम शब्द गुण खान (5)
राम नाम आराधिये , भीतर भर ये भाव
देव -दया अवतरण का , धार चोगुना चाव (6)
मंत्र धारणा यों कर , विधि से ले कर नाम
जपिये निश्चय अचल से , शक्ति धाम श्री राम (7)
यथा वृक्ष भी बीज -से , जल रज ऋतु संयोग
पा-कर , विक्से क्रम से , त्यों मंत्र से योग (8)
यथा शक्ति परमाणु में , विद्युत कोष समान
है मंत्र त्यों शक्तिमय, ऐसा रखिये ध्यान (9)
ध्रुव धारणा धार यह , राधिये मंत्र निधान
हरी -कृपा अवतरण का , पूरण रखिये ज्ञान (10)
आता खिड़की द्वार से , पवन तेज का पूर
है कृपा त्यों आ रही , करती दुर्गुण दूर (11)
बटन दबाने से यथा , आती बिजली घार
नाम जाप प्रभाव से , त्यों कृपा अवतार (12)
खोलते ही जल नल ज्यों , आता वारि बहाव
जप से कृपा अवतरित हो , तथा सजग कर बहाव (13)
राम शब्द को ध्याये , मंत्र तारक मान
स्वशक्ति सत जग करे , उपरी चक्र को यान (14)
दसम द्वार से हो तभी , राम कृपा अवतार
ज्ञान शक्ति आनन्द से , साम शक्ति संचार (15)
देव दया सशक्ति का , सहस्त्र कमल में मिलाप
हो सत्पुरुष संयोग से , सर्व नष्ट हो पाप (16)
नमस्कार सप्तक
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment