Tuesday, 28 March 2017

आ लौट जे आज हनुमान तुंही श्रीराम बुलाते है

आ लौट के आजा हनुमान, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं जानकी के बसे तुममे प्राण, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं॥ लंका जला के सब को हरा के तुम्ही खबर सिया की लाये पर्वत उठा के संजीवन ला के तुमने लखन जी बचाए। हे बजरंगी बलवान, तुम्हे हम याद दिलाते हैं॥ पहले था रावण एक ही धरा पे, जिसको प्रभु ने संघारा तुमने सवारे थे काज सारे, प्रभु को दिया था सहारा जग में हे वीर सुजान भी तेरे गुण गाते हैं॥ है धरम संकट में धर्म फिर से, अब खेल कलयुग ने खेले हैं लाखों रावण अब तो यहाँ पे, कब तक लड़े प्रभु अकेले जरा देख लगा के ध्यान, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं॥ है राम जी बिन तेरे अधूरे, अनजानी माँ के प्यारे भक्तो के सपने करने को पूरे, आजा पवन के दुलारे करने जग का कल्याण, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं॥

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