Sunday, 26 March 2017
जनकपुर जगमग होवे रे जानकी ब्याहन आये राम
जनकपुर जगमग होवे री, जानकी ब्याहन आए राम (janakpur jagmag hove ri, janki byahan aaye ram)
जनकपुर जगमग होवे री, जानकी ब्याहन आए राम
जानकी ब्याहन आए राम, जानकी ब्याहन आए राम
जनकपुर जगमग होवे री, जानकी ब्याहन आए राम
१) काहे के चार कलश धरे हैं, कौन सिया ब्याहन आयजनकपुर कोवर (आरती) होवे री, जानकी ब्याहन आए रामजनकपुर जगमग होवे री, जानकी ब्याहन आए राम
२) चाँदी के चार कलश धरे हैं, मुतियन बंदरबारसोने के चार कलश धरे हैं, राम सिया ब्याहन आएजनकपुर नौवत (ढोल नगाड़े) बाजे री, जानकी ब्याहन आए रामजनकपुर जगमग होवे री, जानकी ब्याहन आए राम
३) दान मल दिन्हा, दहेज मल दिन्हा, दिन्हा नौलख हारसेवा करन को जानकी दी हैं, सुनियों दशरथ कुमारसगुन इनको बतलाओ जी, जानकी ब्याहन आए रामजनकपुर जगमग होवे री, जानकी ब्याहन आए राम
४) धन्य राजा जनक, धन्य सुनैना, धन्य पुरवासी लोगमंगल में ये अजब जनकपुर, राम सिय भांवर होयमगन सब लोग होवे री, जानकी ब्याहन आए रामजनकपुर जगमग होवे री, जानकी ब्याहन आए राम
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