हनुमान ने राक्षस अहिरावण को मारने के लिए पंचमुखी रूप धारण किया था। अहिरावन रावण का भाई था जिसने राम और लक्ष्मण का अपहरण कर लिया था। अहिरावण को मारने का केवल एक तरीका था कि पांच दिशाओं में जलने वाले पांच दियों को बुझा दिया जाए। इसके लिए हनुमान ने उत्तर दिशा में वराह मुख, दक्षिण दिशा में नरसिम्ह मुख, पश्चिम में गरुड़ मुख, आकाश की ओर ह्यग्रीव मुख एवं पूर्व दिशा में हनुमान मुख धारण किया था।
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