Monday, 31 August 2015

महालक्ष्मी अष्टक - नमस्तेतु महामाये श्रीपीठे

नमस्तेतु महामाये श्रीपीठे सूरपूजिते
शंख चक्र गदा हस्ते नारायणी नमोस्तुते ll

सिद्धीबुध्दीकरे देवी भक्तीमुक्ती प्रदायिनी
मंत्रमूर्ते सदानंदे , नारायणी नमोस्तुते ll

नमस्ते गरुडाररूढे, कोल्हासूरा भयंकरी
कौमारी वैष्णवी ब्राह्मी ,नारायणी नमोस्तुते ll

श्वेताम्बरधरे देवी रत्नाभरण भुषिते
जगत्प्रिये जगन्नाथे ,नारायणी नमोस्तुते ll

स्थूलसू़क्ष्मे महारौद्रे महाशांते महोदये
महापापहरे देवी ,नारायणी नमोस्तुते ll

पद्मासनस्थिते देवी परब्रह्मस्वरुपिणि
पद्महस्ते जगत्पुजे ,नारायणी नमोस्तुते ll

सर्वेशे सर्ववरदे सर्वदुःख विनाशिनि
सर्वाघौघहरे देवी नारायणी नमोस्तुते ll

आद्यंतरहिते देवी , आदिशक्ती महेश्वरी
योगिनी योगसम्भूते नारायणी नमोस्तुते ll

महालक्ष्म्यष्टकं पुण्य य: पठेत भुक्तिमुक्तिदम
दुःखदारिद्रयनिर्मूक्त: सर्वान कामान्वाप्नूयात ll

एककालं पठेनित्यं  महापाप निवारणं
द्विकालयं पठेनित्यं धन धान्य समन्वित:
त्रिकालयं पठेनित्यं महाशत्रु निवारणं
महालक्ष्मीर्भवे सर्वां प्रसन्न वरदे भव:
इति श्री महालक्ष्मी अष्टक सम्पुर्णम  ll

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