तुझमे ओम मुझमें ओम सब में ओम समाया
करलो सबसे प्यार जगत में कोई नहीँ पराया ll
जितने भी संसार में प्राणी ,सबमें एक ही ज्योति
एक बाग के फुल है सारे इक माला के मोती
निराकार उस जगदीश्वरने ,इक मिट्टी से बनाया ll
एक बाप के बेटे है सब, एक हमारी माता
दाना पानी देनेवाला एक हमारा दाता
मनभावन की इस दुनियामे ,जीना हमे सिखाया ll
ऊँचनीच और जात पात की दिवारोंको तोडो
बदला जमाना तुमभी बदलो बुरी आदतें छोड़ो
जागो और जगाआे सबको ,समय है ऐसा आया ll
कर लो सबसे प्यार जगत में कोई नहीँ पराया
तुझमे ओम मुझमें ओम सब में ओम समाया ll
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